भारत में किसानों के लिए एक नई पहल शुरू की गई है, जिसके तहत उन्हें डिजिटल पहचान (Digital Identity) देने का प्रयास किया जा रहा है। इस डिजिटल पहचान को आधार कार्ड की तरह एक स्मार्ट कार्ड (Smart Card for Farmers) के रूप में लागू किया जाएगा। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में इस किसान रजिस्ट्री (Farmers Registry) को लागू करने के लिए डाटा एकत्रित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह रजिस्ट्री किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में मदद करेगी, क्योंकि केवल वे किसान ही इन योजनाओं का फायदा उठा सकेंगे, जिनकी ऑनलाइन पहचान इस रजिस्ट्री में दर्ज होगी।
किसान रजिस्ट्री से मिलेगा डिजिटल पहचान का लाभ
मध्य प्रदेश में यह पहल केंद्र सरकार की योजना का हिस्सा है, जिसके तहत प्रत्येक किसान को एक डिजिटल आईडी (Digital ID) दी जाएगी। यह आईडी एक तरह से किसान की पहचान का प्रमाण बनेगी और सरकारी योजनाओं का लाभ उन किसानों को मिलेगा, जिनकी जानकारी इस रजिस्ट्री में अपडेट होगी। इस रजिस्ट्री से न केवल योजनाओं का लाभ मिल सकेगा, बल्कि इससे किसानों की पहचान और उनके द्वारा प्राप्त सहायता में पारदर्शिता भी आएगी। इस प्रक्रिया को 30 नवंबर तक पूरा किया जाएगा।
रजिस्ट्रेशन के फायदे
- किसान रजिस्ट्री से सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता आएगी, जिससे योजनाओं का सही तरीके से वितरण सुनिश्चित होगा।
- किसान रजिस्ट्री के बिना पीएम किसान योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा।
- किसान को फसल बीमा का लाभ आसानी से मिलेगा।
- किसान क्रेडिट कार्ड और कृषि ऋण जैसी सेवाओं का लाभ उठाया जा सकेगा।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन हो सकेगा।
कैसे करें रजिस्ट्रेशन?
किसान रजिस्ट्री के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने एक पोर्टल (https://mpfr.agristack.gov.in) और एक मोबाइल एप्लिकेशन (Farmer Registry MP) जारी किया है, जिसे किसान आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा, अगर किसान स्वयं रजिस्ट्रेशन में सक्षम नहीं हैं, तो वे Farmer Sahayak MP App का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, या फिर किसी जानकार की मदद से रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में सबसे पहले E-KYC (इलेक्ट्रॉनिक नो योर कस्टमर) पूरी की जाएगी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना के लाभार्थियों को इस रजिस्ट्री में प्राथमिकता दी जाएगी। रजिस्ट्रेशन के दौरान किसानों को अपनी खसरा, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड और E-KYC में दर्ज जानकारी अपलोड करनी होगी।
रजिस्ट्री का काम गांवों में होगा
किसान रजिस्ट्री की प्रक्रिया गांवों में स्थानीय युवाओं द्वारा पूरी की जाएगी। इन युवाओं को रजिस्ट्री कार्य के लिए भुगतान भी किया जाएगा। हालांकि, किसान रजिस्ट्री की सेवा शुल्क किसान को सेवा केंद्र के माध्यम से जमा करना होगा।
यह डिजिटल पहचान किसानों को न केवल सरकारी योजनाओं से जोड़ने में मदद करेगी, बल्कि उनकी पहचान और रिकॉर्ड को भी सुरक्षित और पारदर्शी बनाएगी। यह कदम कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
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